You are currently viewing तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर क्या है? जानें [2024]

तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर क्या है? जानें [2024]

क्या आप यह जानने में बहुत उत्सुक है तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर क्या है और आप यह भी जानना चाहते हैं कि तहसीलदार और एसडीएम के बीच कौन उच्च पद का अधिकारी होता है।

दरअसल तहसीलदार और एसडीएम दोनों ही एक तहसील के उच्च अधिकारी होते हैं। लेकिन दोनों के कार्य अलग-अलग होते हैं हम कह सकते हैं कि दोनों का काम राजस्व से रिलेटेड होता है लेकिन आगे हम detail में इसपर चर्चा करेंगे।

अगर आपको तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर नहीं पता तो कोई चिंता की बात नहीं आज आपको बहुत अच्छे से पता चल जाएगा और आप यह भी जान जाएंगे की तहसील में कौन सा अधिकारी उच्च पद का होता है।  

तहसीलदार कौन होता है और SDM kise kahate hain?

तहसीलदार एक सरकारी अधिकारी होता है जिसका कार्य एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र के प्रशासन और राजस्व संग्रह का होता है। यह एक तहसील के अंदर कार्यरत होते हैं और तहसीलदार को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। एक तहसीलदार को हम उस तहसील का कार्यकारी मजिस्ट्रेट भी कह सकते हैं। तहसीलदार के अंदर जो अधिकारी कार्य करता है उसे नायब तहसीलदार कहते हैं। 

वहीं दूसरी ओर एसडीएम जो होता है वह तहसील के अंदर एक प्रशासनिक अधिकारी होता है जो राजस्व प्रशासन, कानून और व्यवस्था, और सामान्य प्रशासन से जुड़े कार्य ही अपने अधिकार क्षेत्र में संभालते हैं। एसडीएम के अधीन बहुत से अधिकारी कार्य करते हैं जिनकी बात हम आगे इस आर्टिकल में करेंगे। 

तहसीलदार से बड़ा कौन होता है

अब हम आपको बताने जा रहे हैं तहसीलदार से बड़ा अधिकारी कौन होता है दरअसल तहसीलदार से बड़े अधिकारियों में सबसे पहले एसडीएम का नाम ही आता है। जी हां एसडीएम ही होता है जो तहसीलदार से ऊपर होता है और जो तहसीलदार के कार्यों पर निगरानी करता है। 

तहसीलदार और एसडीएम दोनों ही तहसील के कार्यों में शामिल होते हैं और अपने निर्दिष्ट क्षेत्र के प्रशासनिक और developing कार्य में अपना योगदान देते हैं।  

तहसीलदार का क्या काम होता है

  • भूमि रिकॉर्ड को बनाए रखना और अद्यतन करना एक तहसीलदार की जिम्मेदारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें भूमि के स्वामित्व पर नज़र रखना, भूमि उपयोग में परिवर्तन और भूमि से संबंधित विवादों का समाधान करना शामिल है।
  • क्षेत्राधिकार के भीतर निवासियों से भू-राजस्व और अन्य सरकारी बकाया का संग्रह करना भी तहसीलदार के कार्यों में शामिल है।
  • सटीक भूमि रिकॉर्ड सुनिश्चित करने और सीमा विवादों को हल करने के लिए भूमि सर्वेक्षण करना या उसकी निगरानी करना भी शामिल है।
  • तहसीलदार ग्राम लेखाकारों (पटवारियों) और राजस्व निरीक्षकों के काम की निगरानी करता है, जिससे उनकी तहसील के भीतर गांवों का कुशल प्रशासन सुनिश्चित होता है।
तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर

एसडीएम कौन-कौन से कार्य करता है तहसील में

  • एसडीएम भूमि राजस्व संग्रह के प्रबंधन, भूमि रिकॉर्ड को बनाए रखने और भूमि उत्परिवर्तन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे इन क्षेत्रों में तहसीलदार के काम की निगरानी करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि राजस्व संग्रह प्रक्रियाओं को निष्पक्ष और कुशलता से लागू किया जाए।
  • एसडीएम के पास मजिस्ट्रियल शक्तियां हैं, जो उन्हें नागरिक विवादों, छोटे अपराधों और राजस्व मामलों से संबंधित मामलों को सुनने और उनपर निर्णय लेने में सक्षम बनाती हैं। वे प्रारंभिक जांच करते हैं, वारंट जारी करते हैं और अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर आदेश पारित करते हैं।

तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर

तहसीलदार और एसडीएम के बीच बहुत सारे अंतर होते हैं। उन अंतरों में जो सबसे ज्यादा जानें जाने वाले अंतर हैं उनमें शामिल है प्राधिकार और उत्तरदायित्व का स्तर, भर्ती और संवर्ग, कर्तव्यों का दायरा, कर्तव्यों का दायरा, न्यायिक शक्तियाँ आदि शामिल हैं। अब आगे इन सबको हम detail में जानेंगे। 

तहसीलदारएसडीएम
प्राधिकार और उत्तरदायित्व का स्तर
तहसीलदार एक कनिष्ठ स्तर का अधिकारी होता है जो एक तहसील में राजस्व प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता है, जो एक जिले में एक उप-विभाग होता है। वे भूमि रिकॉर्ड, राजस्व संग्रह और अन्य राजस्व संबंधी मुद्दों से संबंधित कार्य संभालते हैं।
प्राधिकार और उत्तरदायित्व का स्तर
वहीँ एसडीएम एक उप-विभाग का प्रभारी होता है और वह वरिष्ठ स्तर का अधिकारी होता है। उनके पास व्यापक प्रशासनिक और न्यायिक शक्तियाँ होती हैं, और वे विभिन्न विभागों की देखरेख करते हैं और अन्य प्रशासनिक और न्यायिक कार्यों के साथ-साथ राजस्व मामलों को भी संभालते हैं।
भर्ती और संवर्ग
तहसीलदारों की भर्ती में आमतौर पर राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) के द्वारा की जाती है। उन्हें राज्य सिविल सेवा, राजस्व सेवा, या न्यायिक सेवा सहित विभिन्न संवर्गों से भर्ती किया जा सकता है। 
भर्ती और संवर्ग
एसडीएम की भर्ती आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के माध्यम से की जाती है। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) कैडर से संबंधित होते हैं और उच्च स्तर के अधिकार और जिम्मेदारी रखते हैं।
कर्तव्यों का दायरा
एक तहसीलदार की प्राथमिक जिम्मेदारियाँ राजस्व प्रशासन से सम्बंधित होती हैं। वे भूमि रिकॉर्ड, संपत्ति का पंजीकरण, राजस्व संग्रह और राजस्व संबंधी विवादों का समाधान करते हैं।
कर्तव्यों का दायरा
एसडीएम के कर्तव्यों का दायरा व्यापक होता है, जिसमें राजस्व और प्रशासनिक दोनों कार्य शामिल होते हैं। वे उप-विभाग के भीतर विभिन्न विभागों का प्रबंधन और समन्वय करते हैं, विकास परियोजनाओं की देखरेख करते हैं, कानून और व्यवस्था के मुद्दों को संभालते हैं, और द्वितीय श्रेणी के मजिस्ट्रेट के रूप में न्यायिक कार्य करते हैं।
न्यायिक शक्तियाँ
आम तौर पर, तहसीलदारों के पास न्यायिक शक्तियां नहीं होती हैं और वे मुख्य रूप से राजस्व प्रशासन और संबंधित कार्यों में शामिल होते हैं।
न्यायिक शक्तियाँ
एसडीएम के पास कुछ न्यायिक शक्तियां होती हैं और वे कुछ कानूनी मामलों को संभाल सकते हैं। वे विभिन्न प्रशासनिक और कानूनी मुद्दों पर पूछताछ कर सकते हैं, मामलों की सुनवाई कर सकते हैं और आदेश जारी कर सकते हैं।

एसडीएम और तहसीलदार में बड़ा कौन होता है?

जैसा के हमने बताया sdm जो होता है वह तहसील का मुख्य अधिकारी और सबसे बड़ा अधिकारी होता है तहसीलदार एसडीएम के अधीन काम करते हैं। तो इससे साफ़ पता चल जाता है कि एसडीएम और तहसीलदार में एसडीएम बड़ा अधिकारी होता है।

Sdm का कार्य बहुत ज्यादा होता है। उन्हें अपने बंगले पर आने के बाद भी काम करना पड़ता है। यहाँ तक के रात में भी कभी कभी जाना पड़ जाता है। जबकि तहसीलदार का काम मुख्य रूप से राजस्व संग्रहण और भूमि अभिलेखों को बनाए रखना है। 

sdm तहसीलदार के साथ काम करता है और साथ ही तहसीलदार और बाक़ी सभी अधिकारी जो sdm के नीचे काम करते हैं उनके काम पर नज़र रखता है के सभी कार्य निष्पक्ष रूप से हों।  

तहसील का मालिक कौन होता है?

एक तहसील, जिसे तालुका या मंडल के रूप में भी जाना जाता है, भारत में एक जिले का प्रशासनिक उपखंड है। एक तहसील की मालिक भारत सरकार होती है, और तहसील का नेतृत्व एक तहसीलदार करता है, जो तहसील के प्रशासन के लिए जिम्मेदार एक सरकारी अधिकारी होता है।

SDM कैसे बनते है?

SDM ke liye qualification

SDM कैसे बने? यह जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल पड़ना होगा जिसका लिंक मैंने दे रखा है। वैसे मैं बता देता हूँ sdm कैसे बनते हैं। 

सबसे पहले स्नातक की डिग्री हासिल करें। 

उसके बाद sdm बनने के लिए होने वाली परीक्षा में भाग लेना होगा जिसके तीन चरण होते हैं और तीनों को अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण करना होगा तभी जाकर आप sdm बन पाएंगे। 

जिन उम्मीदवारों का नाम फाइनली मेरिट लिस्ट में होता है वो एसडीएम पद के लिए सिलेक्ट कर लिए जाते हैं और उन्हें ट्रेनिंग के लिए आगे भेज दिया जाता है।  

तहसीलदार कैसे बनते है?

तहसीलदार कैसे बने? इसके लिए हमने पूरा आर्टिकल एक लिख कर रखा है तो कृपया आप उस आर्टिकल को पढ़ें उससे आपको पता चल जाएगा sdm कैसे बनते हैं। 

  • तहसीलदार बनने के लिए सबसे पहले आपको स्नातक की पढ़ाई पूरी करनी चाहिए। 
  • जिसके बाद आप तहसीलदार बनने के लिए जो एग्जाम है उसमें अप्लाई करें। 
  • फिर जब एग्जाम हो तो एग्जाम देने जाएं लेकिन उससे पहले एग्जाम की तयारी कर लें। 
  • तीनों एग्जाम को अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण करें। 
  • जो तीनों एग्जाम को अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण करेगा और जिसका नाम फाइनल मेरिट लिस्ट में होगा वह तहसीलदार के लिए चयनित हो चूका है।  

तहसीलदार और एसडीएम के वेतन में क्या अंतर होता है

तहसीलदार और sdm के वेतन में काफी अंतर होता है। जैसे उनके basic में बहुत अंतर होता है और उनकों मिलने वाली जो perks या भत्ते हैं उनमें भी काफी अंतर होता है। 

अब जानते हैं के sdm की सैलरी कितनी होती है। एक sdm को CPC के वेतन स्तर 10 के मुताबिक़ मिलने वाला मूल वेतन 56,100 रुपये प्रति माह है। जिसके साथ 5400 रूपए का Grade pay भी मिलता है।

वहीँ तहसीलदार को मिलने वाला वेतन इससे काफी अलग होता है। तहसीलदार के पदों पर जो उमीदवार चयनित होते हैं उनको ग्रेड पे 4200 मिलता है, और पे स्केल 9300 से 34800 के तहत लगभग 35500 रुपये से 42500 रुपये के बीच सैलरी मिल सकती है। 

People Also Read
एक जिले में कितने एसडीएम होते हैं? जानिए SDM के बारे में महत्ब्पूर्ण जानकारी
वन विभाग में कितने पद होते हैं? वन विभाग पदों का विस्तृत विवरण

निष्कर्ष: तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर

जैसा के आज के इस आर्टिकल में हमने बात की के तहसीलदार और एसडीएम के बीच का अंतर क्या होता है। जितना कुछ हो सकता था इसमें हमने बताने की कोशिश की है। इस article में हमने बात की sdm जो होता है उच्च अधिकारी होता है उप-विभाग में और उनके नीचे काम करते हैं तहसीलदार।

अगर आपको इस आर्टिकल में कुछ पूछना तो नीचे comment करें।

क्या एसडीएम और तहसीलदार एक ही होते हैं?

नहीं, SDM और तहसीलदार एक ही पद नहीं है। SDM एक उच्च स्तर का पद है और वहीँ तहसीलदार उसके नीचे का पद। लेकिन तहसीलदार भी एक बहुत प्रितिष्ठित पद है।

ChemEngg

I am the experienced writer in the field of Education. And Also I have the very good Academics. That's why I have provide the content related to jobs and education in very good manner.

Leave a Reply